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अब फ्लैट खरीदते ही पता चलेगा कौन है पडोसी

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अब फ्लैट खरीदते ही पता चलेगा कौन है पडोसी

फ्लैट बुकिंग शुरू करने के बाद 90 दिन में बनानी होगी बायर्स एसोसिएशन,बिल्डर के उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद कर सकेंगे खरीदार। गाजियाबाद : ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पड़ोसी कौन है, किस टावर में किसने फ्लैट खरीदा हैं यह जानने के लिए अब खरीदारों को पजेशन तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। खरीदारों को फ्लैट खरीदते ही सोसायटी में फ्लैट खरीदने वालों की जानकारी मिल जाएगी। यह जानकारी बिल्डर खरीदार को उपलब्ध कराएंगे। रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी बिल के तहत बिल्डर को फ्लैट की बुकिंग शुरू करने के 90 दिन के भीतर बायर्स एसोसिएशन का गठन करना होगा। एसोसिएशन के गठन के पूरी जानकारी रेग्यूलेटर को उपलब्ध करानी होगी। बायर्स एसोसिएशन के गठन के लिए कम से कम सात खरीदार होने अनिवार्य हैं।


क्या होगा फायदा

सोसायटी में किस-किस ने फ्लैट खरीदा है। अभी तक यह जानकारी खरीदारों को नहीं मिल पाती थी। जिसके चलते बिल्डर द्वारा उत्पीड़न किए जाने पर खरीदार खुद को अकेला महसूस करते थे और बिल्डर के खिलाफ आवाज बुलंद नहीं कर पाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। खरीदारों को फ्लैट बुक करते ही रेजीडेंट्स के बारे में डिटेल जानकारी मिल जाएगी। जिसके चलते खरीदार बिल्डर द्वारा उत्पीड़न किए जाने की स्थिति में एकजुट होकर बिल्डर के खिलाफ आवाज उठा सकेंगे।

बिल्डरों के उत्पीड़न से खरीदार वाकई काफी परेशान हैं। रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी बिल खरीदारों के लिए काफी कारगर साबित होगा। बिल में अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन से पहले बायर्स एसोसिएशन के गठन का प्रावधान बेहद अहम है। इससे खरीदारों को काफी राहत मिलेगी।

रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी बिल से बिल्डरों की मनमानी पूरी तरह रूक जाएगी। बायर्स एसोसिएशन बनने से एक ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में फ्लैट खरीदने वाले लोग पहले ही एकजुट हो सकेंगे। जिससे बिल्डर द्वारा मनमानी करने पर एकजुट होकर आवाज बुलंद की जा सकेगी।


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